Paresh Rawal भारतीय सिनेमा के सबसे बेहतरीन और बहुमुखी कलाकारों में से एक हैं। उनकी कॉमिक भूमिकाएँ—चाहे Hera Pheri के बाबूराव हों या Andaz Apna Apna के तेजा—सिर्फ हँसी ही नहीं, ज़िंदगी के कई गहरे सबक भी देती हैं। आइए जानते हैं कि उनके मज़ेदार किरदारों से आज भी हम क्या सीख सकते हैं।
1. संघर्षों के बीच भी हंसें
Hera Pheri के बाबूराव जैसे किरदार हमें सिखाते हैं कि मुश्किलों में भी मुस्कुराना ज़रूरी है। गरीबी में भी उनका हँसता चेहरा बताता है कि ज़िंदगी में हँसी सबसे बड़ा हथियार हो सकती है।
2. सरलता एक महाशक्ति है
Paresh Rawal की कॉमिक भूमिकाओं में सादगी की ताक़त साफ़ दिखाई देती है। उनका पहनावा, बोलचाल और सरल स्वभाव लोगों के दिल जीत लेता है।
3. ईमानदारी का अपना हास्य है
बाबूराव जैसे किरदार भले ही भोले हों, लेकिन उनकी ईमानदारी में जो मज़ा है, वो बेमिसाल है। उनका सच बोलना खुद में कॉमेडी है।

4. भाग्य पर दोस्ती
Hera Pheri में बाबूराव की दोस्ती दिखाती है कि असली दौलत पैसे में नहीं, दोस्तों में होती है।
5. हर समस्या का एक मज़ेदार पक्ष होता है
Paresh Rawal के किरदार मुश्किल हालात में भी ऐसा हँसाते हैं कि डर या टेंशन की जगह मुस्कान आ जाती है।
6. स्वयं बने रहें—खामियों सहित
उनके किरदार कभी परफेक्ट नहीं होते—लेकिन यही उनकी खूबी है। वो जैसे हैं, वैसे ही सबसे प्यारे हैं।
7. हंसी संक्रामक है
Paresh Rawal की कॉमेडी ये बताती है कि हँसी एक वायरस की तरह फैलती है—और हर दर्द को ठीक करती है।
8. चाहे कुछ भी हो, जमीन से जुड़े रहें
चाहे हालात कैसे भी हों, उनके किरदार ज़मीन से जुड़े रहते हैं और अच्छाई नहीं छोड़ते।
निष्कर्ष
Paresh Rawal की कॉमिक भूमिकाएँ केवल हँसी नहीं, बल्कि ज़िंदगी का गूढ़ ज्ञान भी देती हैं। वो हमें सिखाते हैं कि हँसी ज़िंदगी की सबसे सस्ती और सबसे कीमती दवा है।